21 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2019 तक मनाया जायेगा “पुरुष नसबन्दी पखवाड़ा”

नानपारा/बहराइच। रिपोर्ट :- (एस0के0 अग्रवाल)


बहराइच 22 नवम्बर। दम्पत्तियों के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार लाने हेतु पुरुषों की सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद भी वर्तमान में पुरुष नसबन्दी की स्वीकृति दर बहुत कम एवं निराशाजनक है। ऐसे में सूबे के स्वास्थ्य महकमे द्वारा परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी 21 नवम्बर से 04 दिसम्बर 2019 तक 'पुरुष नसबन्दी पखवाड़ा' मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गयी हैं।
यह जानकारी देते हुए डॉ. योगिता जैन नोडल अधिकारी परिवार नियोजन ने बताया इस वर्ष पुरुष नसबन्दी पखवाड़ा मनाये जाने के लिए भारत सरकार द्वारा “पुरुषों की अब है बारी, परिवार नियोजन में जिम्मेदारी” की थीम निर्धारित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य जनसाधारण को सीमित परिवार के बारे में जागरुक बनाना तथा परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी को बढ़ाते हुए कार्यक्रम को गति प्रदान करना है। आधुनिकता के इस दौर मे परिवार नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं के कंधे पर है। आज देश चाँद पर जमीन खोज रहा है और हम “पुरुष नसबंदी” को लेकर भ्रमित हैं। जबकि यह बहुत सरल और आसान विधि है, जिसे अपनाकर न सिर्फ अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाया जा सकता है बल्कि महिलाओं को इस जिम्मेदारी से छुटकारा भी दिलाया जा सकता है।
जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. आर.के. बसन्त ने बताया कि समाज में एक बहुत बड़ा मिथक है कि ज्यादातर पुरुष नामर्द होने के डर से नसबंदी नहीं करवाते हैं, जबकि यह सिर्फ एक भ्रांति है। पुरुष नसबंदी करने की प्रक्रिया बहुत ही सुरक्षित और लम्बे समय तक के लिए बहुत ही आसान है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी की प्रक्रिया पूरी होने में केवल 10 से 15 मिनट का समय लगता है और इसमें ज्यादा से ज्यादा दो दिन के आराम की जरूरत होती है या उसकी भी जरूरत नहीं होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के साधन को अपनाने की पहल पुरुषों द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि पुरुषों की शारीरिक संरचना महिलाओं की अपेक्षा अधिक सरल होती है।
जिला परिवार नियोजन रामबरन यादव ने बताया इस बार भी पुरुष नसबन्दी पखवाड़ा दो चरणों में मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसमें 21 नवम्बर से 27 नवम्बर तक दम्पत्ति सम्पर्क चरण और 28 नवम्बर से 04 दिसम्बर तक सेवा प्रदायगी चरण शामिल है। पहले चरण में आशा एवं एएनएम द्वारा इच्छुक योग्य दम्पतियों की पहचान कर पंजीकरण किया जायेगा। इसके साथ ही गर्भ निरोधक साधनों के प्रयोग (कंडोम, पुरुष-नसबंदी) हेतु व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने एवं पुरुष नसबंदी की सेवाओं को बढ़ावा देने हेतु सार्वजानिक स्थलों और स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रचार-प्रसार सामग्री को प्रदर्शित किया जायेगा। इस दौरान गर्भनिरोधक के अन्य साधन जैसे महिला नसबंदी, कापर-टी, अंतरा व छाया भी दम्पत्तियों को उनकी इच्छा के अनुसार उपलब्ध कराए जायेंगे। उन्होंने कहा लोगों को गुणवत्ता पूर्ण आसान सेवा प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य केन्द्रों पर आधुनिक गर्भनिरोधक संसाधन जैसे-अंतरा इंजेक्शन, छाया गोली व कंडोम बाक्स पहले से ही उपलब्ध हैं।
जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जरवल, फखरपुर और कैसरगंज मे 28 नवंबर को, विशेश्वरगंज, पयागपुर और हुजूरपुर मे 30 नवम्बर, महसी, तेजवापुर और शिवपुर मे 04 दिसम्बर को तथा बलहा, नवाबगंज और मिहीपुरवा मे 05 दिसंबर को पुरुष नसबंदी की सेवाएँ दी जाएंगी। वहीं जिला पुरुष चिकित्सालय बहराइच मे प्रतिदिन पुरुष नसबंदी की सेवाएँ उपलब्ध रहेंगी। डॉ. सुरेश सिंह सीएमओ बहराइच ने बताया कि “परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा मिलने से जिले के प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार आयेगा। साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी।
मिशन परिवार विकास में बहराइच जनपद शामिल होने से यहाँ नसबंदी कराने वाले परूषों और महिलाओं को क्रमशः 3000 और 2000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा पोस्ट पार्टम स्टर्लाईजेशन (प्रसव के तुरंत बाद नसबंदी) कराने वाली महिलाओं को 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जबकि अस्थायी विधियों में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात (स्वतः व सर्जिकल) उपरांत आईयूसीडी, जिसको सरल भाषा में कॉपर-टी कहा जाता है, के लिए लाभार्थी को 300 (2 फॉलो-अप-पर) तथा अंतरा इंजेक्शन लगवाने पर 100 रुपये प्रति डोज की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।